Not known Details About hanuman chalisa
Yama, Kubera and the guardians with the four quarters; poets and scholars – none can Specific Your glory.जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
व्याख्या – श्री हनुमान जी को जन्म से ही आठों सिद्धियाँ प्राप्त थीं। वे जितना ऊँचा चाहें उड़ सकते थे, जितना छोटा या बड़ा शरीर बनाना चाहें बना सकते थे तथा मनुष्य रूप अथवा वानर रूप धारण करने की उनमें क्षमता थी।
Hanuman Chalisa is often a timeless ode to devotion Lord Hanuman is noted for his devotion to Lord Ram which is thought to be the embodiment of religion, surrender, and devotion.
व्याख्या – रोग के नाश के लिये बहुत से साधन एवं औषधियाँ हैं। यहाँ रोग का मुख्य तात्पर्य भवरोग से तथा पीड़ा का तीनों तापों (दैहिक, दैविक, भौतिक) से है जिसका शमन श्री हनुमान जी के स्मरण मात्र से होता है। श्री हनुमान जी के स्मरण से निरोगता तथा निर्द्वन्द्वता प्राप्त होती है।
In the long run, Rama disclosed his divine powers as the incarnation of your God Vishnu, and slew Ravana and the remainder of the demon army. Last but not least, Rama returned to his property of Ayodhya to return to his location as king. Right after blessing all individuals who aided him from the battle with gifts, Rama gave Hanuman his gift, which Hanuman threw absent.
व्याख्या – श्री हनुमान जी कपिरूप में साक्षात् शिव के अवतार हैं, इसलिये यहाँ इन्हें कपीश कहा गया।
बिना श्री राम, लक्ष्मण एवं सीता जी के श्री हनुमान जी का स्थायी निवास सम्भव भी नहीं है। इन चारों को हृदय में बैठाने का तात्पर्य चारों पदार्थों को एक साथ प्राप्त करने का है। चारों पदार्थों से तात्पर्य ज्ञान (राम), विवेक (लक्ष्मण), शान्ति (सीता जी) एवं सत्संग (हनुमान जी) से है।
kāndheKāndheShoulder mūnjiMūnjiMunja grass janeūJaneūSacred thread sājaiSājaiAdorn That means: You may have the vajrayudha (mace) and flag/banner in your fingers; sacred-thread crafted from the check here munja grass decorates your shoulder.
Now proven as a true devotee, Rama cured him and blessed him with immortality, but Hanuman refused this and asked only for an area at Rama's toes to worship him.
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
बालाजी आरती
Possessing polished the mirror of my coronary heart Using the dust of my Expert’s lotus feet, I recite the divine fame of the best king of Raghukul dynasty, which bestows us While using the fruit of every one of the 4 attempts.